महिला दिवस पर एक महिला की दिल की ज़ुबानी --- उन्मुक्त आकाश मैं उड़ने की चाहत हमेशा से रही हैं दिल में, जिंदगी को अपने दम पर जीने की जिद हमेशा ही की हैं, बेखौफ़ रहना हैं दुनिया से, मन्मार्जियां चलना हैं, अपने हक़ और आजादी के लिए हर कदम लड़ना हैं, अपनी इस हक़ की लड़ाई में विरोध में खड़े लम्बे जुलूस में सबसे ज्यादा चेहरे महिलाओं के ही दिखते हैं.……उन सभी महिलाओं को महिला दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें -- डिम्पल
Saturday, March 8, 2014
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3 टिप्पणियाँ:
बहुत सुंदर ...महिला दिवस की शुभकामनाए ...
डिंपल जी नमस्कार
महिला दिवस पर ढेर सारी बधाई |
आपकी रचनाओं का रसपान हम हमेशा करते आये है ||
आपकी रचनाएँ बहुत सुंदर है अभिनंदन स्वीकार करें ||
Looking forward to reading more. Great article post. Thanks Again. Fantastic.
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